हिन्दू धर्म में कुल 18 पुराण बताये गए है | इन पुराणों में शिवपुराण भी शामिल है, जो की शिव जी से संबंधित है | शिव पुराण में जन्म-मरण, पाप-पुण्य और मनुष्य के अच्छे-बुरे कर्मो के बारे में बताया गया है | साथ ही इस पुराण में महादेव से जुडी कई अनोखी बातो के बारे में बताया गया है | इस पुराण में ऐसे 7 पापो का वर्णन किया गया है, जिनसे महादेव अत्यंत क्रोधित हो जाते है | इन पापो को करने वाले व्यक्ति को शिव जी कभी माफ़ नहीं करते है | आज हम आपको उन्ही पापो के बारे में बताने जा रहे है |
दुर्भावना
मन में किसी के लिए दुर्भावना रखना, बुरे विचार लाना पाप माना गया है | इसीलिए मन में किसी के प्रति द्वेष की भावना ना रखे | इसके साथ ही कभी कोई ऐसा कार्य ना करे जिससे किसी व्यक्ति के लिए परेशानियां उत्पन्न हो | अन्यथा आपका ये कर्म पापकर्म बन सकते है |
धन संपत्ति के मामले में धोखा
कभी किसी को धन संपत्ति और पैसे के मामले में धोखा नहीं देना चाहिए | मन में ऐसे विचार लाना भी पाप माना गया है | धन और पैसे के लालची लोग कई बार अपने सगे संबंधियों को ही ठग लेते है | ऐसा करने से वे पाप के भागी बन जाते है | एक बात हमेशा ध्यान में रखे कि मेहनत और पुरुषार्थ से कमाया गया धन ही जीवन में सफलता दिलाता है |
दूसरे स्त्री/पुरुष पर बुरी नजर
जो लोग एक रिश्ते में होते हुए भी दूसरे स्त्री/पुरुष पर बुरी नजर डालते है, ऐसे लोगो को महादेव कभी क्षमा नहीं करते है | एक रिश्ते में होते हुए भी किसी दूसरे को पाने की इच्छा रखना मनुष्य को पाप का भागी बनाता है | शिवपुराण में तो एक रिश्ते में होते हुए किसी दूसरे के बारे में सोचना भी पाप माना गया है | इसके अलावा दुसरो के रिश्ते को तोड़ने का प्रयास करने वाले को स्वयं महादेव दण्डित करते है |
गर्भवती स्त्री को कटुवचन
कभी भी गर्भवती स्त्री और मासिक काल में चल रही स्त्री को कटुवचन नहीं कहने चाहिए | ऐसा करने से उनके मन को दुःख पहुंचता और भगवान् भी नाराज होते है | इसीलिए कभी भूलकर भी गर्भवती स्त्री का अपमान ना करे, इससे गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है | ऐसा करने वाले व्यक्ति को भगवान कभी क्षमा नहीं करते है |
ईर्ष्या
ईर्ष्यालु लोग कई बार बेवजह ही लोगो से ईर्ष्या करने लगते है, उनकी पीठ पीछे बुराई करने लगते है | यहाँ तक कि उनकी प्रतिष्ठा को भी धूमिल करने की कोशिश करते है | ध्यान रहे ऐसे लोगो को महादेव कभी क्षमा नहीं करते है | किसी के छवि को धूमिल करने का प्रयास करना अक्षम्य अपराध है |
धर्म के खिलाफ कार्य
जो मनुष्य धर्म के खिलाफ कार्य करता है, दुसरो को हानि पहुंचता है, धर्म में वर्जित चीजों का सेवन करता है, ऐसा व्यक्ति घोर पाप का भागी बनता है | धर्म के आधार पर लोगो में हिंसा भड़काता है, ऐसा व्यक्ति पाप का भागी बनता जाता है, जिसे महादेव स्वयं दण्डित करते है |